नयी दिल्ली।
देश में बेरोजगारों की संख्या जुटाने को होने वाला सर्वे अब प्रतिबंधित कर दिया गया है। मोदी सरकार के इस फैसले से अब देश में बेरोजगारों की संख्या पता लगा पाना एक अबूझ पहेली जैसा होगा। लोकसभा में श्रम मंत्रालय संबंधी एक सवाल के लिखित जवाब में सरकार की ओर से जानकारी दी गई है कि श्रम मंत्रालय की ओर से देश में बेरोजगारों की संख्या जुटाने को किया जाने वाला सर्वे अब नहीं होगा। गौरतलब है कि 2010 से केंद्रीय श्रम मंत्रालय यह सर्वे कराता रहा है। माना जा रहा है कि 2016 में बेरोजगारों की संख्या को लेकर जो आंकडे आए थे उससे खुलासा हुआ था कि देश में केवल 70 लाख लोगों को ही नौकरी मिल पाई थी। इन आंकड़ों को विपक्ष ने हथियार बना कर मोदी सरकार पर करारे हमले किए थे। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी जी ने अपनी जनसभाओं में दावा किया था कि सत्ता में आने पर हर साल दो करोड़ बेरोजगारों को नौकरी दी जाएगी।
विपक्ष ने 70 लाख नौकरी दिए जाने का आंकडा सामने आने के बाद बाकी बेरोजगारों को लेकर सवाल खडे किए थे। माना जा रहा है कि सरकार ने फजीहत से बचने के लिए सर्वे प्रतिबंधित किया है। मोदी सरकार अपने बचाव में कह रही है कि मुद्रा योजना के तहत बडी संख्या में लोगों को कर्ज देकर स्वरोजगार को स्वावलंबी बनाया गया है।
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