नई दिल्ली ।
एससी एसटी कानून पर हाल में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने भाजपा की नींद उड़ा दी है. कोर्ट के फैसले के खिलाफ दलित संगठनों ने सोमवार को भारत बंद का आह्वान कर रखा है. सरकार चिंतित है कि उसकी छवि दलित विरोधी की बनाई जा रही है. इसलिए दलित विरोधी के तहत दर्ज मामलों में तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगाने के सु्प्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ केंद्र सरकार 2 अप्रैल को पुनर्विचार याचिका दायर करेगी।
यह याचिका सामाजिक न्याय और आधिकारिता मंत्रालय की ओर से दाखिल की जायगी। वहीं कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस बात की पुष्टि की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि एससी-एसटी प्रटेक्शन ऐक्ट मामले में सरकार आज (2 अप्रैल) को पुनर्विचार याचिका दाखिल कर सकती है।
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने शुक्रवार को पुनर्विचार याचिका का हवाला देते हुए संगठनों से इस फैसले के खिलाफ कर रहे प्रदर्शनों को रोकने की अपील की है. लेकिन दलित संगठनों पर इस अपील की असर होता नहीं दिख रहा है.
दलितों के भारत बंद कार्यक्रम ने भाजपा की हवा खराब कर दी है. बताया गया कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार को पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ बैठक कर घंटों मंथन किया. पार्टी ने अपने प्रवक्ताओं और मीडिया मैनेजरों को यह बात पुरजोर तरीके से उठाने को कहा कि भाजपा दलितों की हितैषी है और कोर्ट के फैसले के खिलाफ केंद्र सरकार पुनर्विचार याचिका दायर कर रही है…
माना जा रहा है कि इस याचिका में यह तर्क दिया जा सकता है कि कोर्ट के फैसले से एससी और एसटी ऐक्ट 1989 के प्रावधान कमजोर हो जाएंगे। याचिका में सरकार यह भी तर्क दे सकती है कि कोर्ट के मौजूदा आदेश से लोगों में कानून का भय खत्म होगा और इस मामले में और ज्यादा कानून का उल्लंघन हो सकता है।
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