नई दिल्ली। देश के किसान संघों ने केंद्र सरकारी की ओर से लाए गए तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ मंगलवार की सुबह 11 बजे से दोपहर तीन बजे तक देश व्यापी बंद का आह्वान किया था। बंद का असर देश में मिला-जुला दिखा। कुछ राज्यों में परिवहन सेवाएं प्रभावित हुईं। कुल मिलाकर स्थिति देखें तो भाजपा शासित राज्यों में जहां स्थिति नियंत्रिण में रही तो वहीं गैर भाजपा शासित राज्यों में भारत बंद का असर ज्यादा दिखा। किसानों के ‘भारत बंद’ के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गए। वहीं शहर में अधिकतर बाजार खुले रहे। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने दावा किया कि राष्ट्रीय राजधानी और देश के अन्य हिस्सों में परिवहन सेवाएं सामान्य हैं तथा बाजार भी खुले हैं और ‘भारत बंद’ का इन गतिविधियों पर कोई असर नहीं हुआ है। दिल्ली और गुरुग्राम में सुबह 10 से दोपहर साढ़े 12 बजे के बीच कई स्थानों के लिए एप आधारित कैब आने का समय (प्रतीक्षा समय) चार से पांच मिनट आ रहा था। गाजीपुर मंडी के एपीएमसी अध्यक्ष एस. पी. गुप्ता ने बताया कि बाजार खुला है लेकिन कई व्यापारियों ने हड़ताल के समर्थन में अपनी दुकानें बंद कर दीं। व्यापार बहुत कम है क्योंकि वहां कोई ग्राहक नहीं है। दिल्ली के सरोजनी नगर बाजार के दुकानदारों ने भी हाथों में काला ‘रिबन’ बांध किसानों के साथ एकजुटता व्यक्त की। आजादपुर मंडी के एपीएमसी अध्यक्ष आदिल खान ने कहा कि मंडी लगभग बंद है। इसके साथ ही टीकरी बॉर्डर, जहां पिछले 13 दिनों से सैकड़ों किसान डटे हुए हैं, वहां भी कड़ी सुरक्षा के बीच दुकानें खुली रहीं।
मध्य प्रदेश में आप कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन-आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने तोमर के निवास के बाहर प्रदर्शन किया। पुलिस ने इसमें 50 लोगों को हिरासत में लिया है। राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ के बैनर तले भोपाल में किसानों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के शासकीय आवास तक एक मार्च निकालने का प्रयास किया लेकिन पुलिस ने इसे चूनाभट्टी इलाके में ही रोक दिया। प्रदेश के गुना, बड़वानी, मंदसौर, झाबुआ, उमरिया और कुछ अन्य जिलों में बाजार खुले रहे। भोपाल में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव और जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कैलाश मिश्रा के नेतृत्व में न्यू मार्केट इलाके में विरोध प्रदर्शन किया। मिश्रा ने दावा किया कि बंद के तहत पुराने भोपाल में अधिकांश बाजार बंद रहे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विभिन्न इलाकों में दुकानदारों से दुकानें बंद करने का आग्रह किया। भोपाल में हालांकि ज्यादातर दुकानें खुली रहीं।
छत्तीसगढ़ में दिखा भारत बंद का व्यापक असर-किसानों द्वारा आहूत ‘भारत बंद’ के मद्देनजर मंगलवार को राज्य के लगभग सभी बड़े शहरों में व्यापारिक संस्थान बंद रहे। छत्तीसगढ़ में सत्ताधारी दल कांग्रेस ने भारत बंद का समर्थन किया है। सत्ताधारी दल के नेता और कार्यकर्ता बंद को सफल बनाने के लिए सड़क पर निकले और लोगों से समर्थन का अनुरोध किया। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कार्यकर्ताओं के साथ रायपुर जिले के दोंदे खुर्द गांव का दौरा किया और लोगों से किसानों का समर्थन करने की अपील की। छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के संयोजक मंडल के सदस्य संकेत ठाकुर ने बताया कि राज्य के 36 संगठनों ने बंद को समर्थन दिया है। इनमें किसान, मजदूर और सामाजिक संगठन शामिल हैं। बंद के दौरान राज्य के कई स्थानों पर रैलियों का आयोजन किया जा रहा है। ठाकुर ने बताया कि रायपुर के बूढ़ातालाब के करीब धरना स्थल पर किसानों ने सभा की है तथा जनता से अनुरोध किया है कि वे उनकी मांगों का समर्थन करें। उन्होंने बताया कि राज्य के मजदूर संगठनों तथा परिवहन संघों ने भी किसानों के बंद का समर्थन किया है। राज्य में छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स तथा उद्योगों ने बंद का समर्थन किया है। छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स ने व्यापारिक प्रतिष्ठानों को शहरों में अपराह्न बाद दो बजे तक बंद रखने का फैसला किया था। राज्य में सार्वजनिक परिवहन और आटो रिक्शा चालकों ने भी बंद का समर्थन किया। सार्वजनिक वाहनों के न चलने के कारण लोगों को परेशानी हुई। पुलिसने बताया कि शांति बनाए रखने के लिए शहरों में कई स्थानों पर बल तैनात किया गया। रायगढ़, कोरबा, बिलासपुर, जगदलपुर और राजनांदगांव समेत कई शहरों में बंद होने की जानकारी मिली है।
जम्मू-कश्मीर: किसानों के समर्थन में प्रदर्शन-ट्रांसपोर्टर सहित विभिन्न संगठनों ने मंगलवार को यहां शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन किया ताकि भारत बंद का आह्वान करने वाले किसानों के साथ एकजुटता दिखा सकें। बंद का जम्मू क्षेत्र में मिला-जुला असर रहा, जहां अधिकतर सार्वजनिक परिवहन सड़कों से नदारद रहे। यात्रियों को समस्याओं का सामना करना पड़ा और उन्हें पैदल जाते देखा गया लेकिन दुकानें एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठान आंशिक रूप से खुले रहे। मुख्य प्रदर्शन रैली जम्मू-कश्मीर ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन (जेकेटीडब्ल्यूए) ने बिक्रम चौक से दिगयाना तक निकाली जिससे जम्मू-पठानकोट राजमार्ग जाम हो गया। जेकेटीडब्ल्यूए और एक दर्जन से अधिक सामाजिक, धार्मिक तथा राजनीतिक संगठनों ने बंद के आह्वान का समर्थन किया है। अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शनकारी शांत रहे और जम्मू जिले या प्रांत में कहीं से भी अप्रिय घटना की खबर नहीं आई है।
गुजरात में भारत बंद का मिला-जुला असर-किसान संगठनों द्वारा आहूत भारत बंद का गुजरात में विपक्षी कांग्रेस ने समर्थन किया। बंद के समर्थन में मंप्रदर्शनकारियों ने कुछ जगहों पर राजमार्ग बाधित करने का प्रयास किया और मार्ग पर जलते हुए टायर रख दिए। हालांकि दोपहर तक राज्य में बंद का अधिक असर नहीं दिखा। राज्य में कुछ जगहों को छोड़कर सभी बाजार, दुकानें, सरकारी व निजी कार्यालयों समेत कारोबारी प्रतिष्ठान खुले रहे। प्रमुख शहरों में बंद का असर नहीं दिखा। सड़कों पर बसों की आवाजाही सामान्य रही। अहमदाबाद, राजकोट और सूरत समेत राज्य के प्रमुख शहरों में बीआरटीएस (बस रैपिड टांजिट सिस्टम) का कामकाज तय समय के अनुसार चला। छानी गावं के पास प्रदर्शनकारियों के एक अन्य समूह ने अहमदाबाद-वडोदरा राष्ट्रीय राजमार्ग को बाधित किया। एक अन्य मामले में प्रदर्शनकारियों ने भरूच और दाहेज को जोड़ने वाले राजमार्ग को नंदेलाव के पास बाधित किया। राज्य में करीब 5,000 पेट्रोल पंप भी खुले रहे क्योंकि उनके संगठनों ने बंद को समर्थन नहीं दिया था।
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