जबलपुर (दीपू शुक्ला)।
हेमंत कटारे मामले की सुनवाई में हाईकोर्ट ने भोपाल पुलिस को जमकर फटकार लगाई है। कोर्ट ने बहस के दौरान हस्तक्षेप करते हुए पूछा कि पीड़िता की एफआईआर पर सिर्फ हेमंत कटारे को ही आरोपी क्यों बताया गया। पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी इस अपराध में उनकी क्रिमिनल साझेदारी पर आईपीसी की धारा 120 के तहत मुजरिम क्यों नहीं बनाया गया। पीड़ित युवती ने थाने में एएसपी क्राइम द्वारा उसका जबरदस्ती वीडियो बनाए जाने के आरोप लगाए हैं। कोर्ट ने पूछा कि एएसपी क्राइम को भी इस केस में आरोपी क्यों नहीं बनाया गया।
पीड़ित युवती द्वारा हेमंत कटारे की शिकायत पर ब्लैकमेलिंग का मुकदमा दर्ज करने पर भोपाल पुलिस के खिलाफ तर्क टिप्पणीयां की। कोर्ट ने पूछा कि पीड़िता द्वारा झूठा मुकदमा दर्ज कराने के आरोप के आधार पर डीआईजी भोपाल के खिलाफ एफआईआर क्यों नहीं हुई।
विदित हो कि हेमंत कटारे ने हाईकोर्ट में उसके खिलाफ भोपाल में दर्ज दो एफआईआर को रद्द करने की याचिका लगाई है। यह सुनवाई इन्हीं याचिकाओं से संबंधित है। कोर्ट ने मामले के अगली सुनवाई 16 मार्च को तय करते हुए अपहरण, रेप और ब्लैकमेलिंग के तीनों मामलों की केस डायरी और जांच अधिकारियों को अदालत में हाजिर होने के आदेश दिए हैं।
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