नई दिल्ली।
जीएसटी का असर अब डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन पर दिखने लगा है। मौजूदा वित्त वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही में पर्सनल इनकम टैक्स कैटेगरी में एडवांस टैक्स डिपॉजिट 44 फीसदी बढ़ गया है। इसके अलावा कॉरपोरेट टैक्स कैटेगरी में डायरेक्ट टैक्स डिपॉजिट 17 फीसदी बढ़ा है। इससे पता चलता है कि लोगों के खर्च में वृद्धि हुई है और वे टैक्स नियमों का पालन भी ज्यादा करने लगे हैं।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दावा किया है कि अगर अगली 3 तिमाही में यही ट्रेंड जारी रहता है तो इस साल डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में बड़े पैमाने पर इजाफा होगा। जेटली के मुताबिक डायरेक्ट टैक्स बढ़ने का पहला सकेत यह है कि अर्थव्यवस्था में खर्च बढ़ा है, खपत भी बढ़ी है और कॉरपोरेट की बिक्री बढ़ रही है और उनका मुनाफा बढ़ने की संभावना बन रही है लेकिन पर्सनल इनकम टैक्स कैटेगरी में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन बढ़ने का कारण ज्यादा लोगों का इनकम टैक्स नेट में आना भी है। इसके अलावा जीएसटी लागू होने का असर भी दिख रहा है। वित्त मंत्रालय के मुताबिक काले धन पर अंकुश के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों, टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल और नोटबंदी व जीएसटी की वजह से टैक्स कलेक्शन में बड़े पैमाने पर इजाफा हुआ है। अभी इसका मध्यम अवधि में असर दिख रहा है लंबी अवधि में इसका असर अभी दिखना बाकी है।
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