नई दिल्ली |
शिरोमणी अकाली दल (दिल्ली) के महासचिव हरविंदर सिंह सरना ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान के आतंकवाद ग्रस्त इलाकों में सिखों और हिन्दुओं पर हो रहे हमलों पर चिंता व्यक्त की। साथ ही कहा कि उन्हें डर है कि भारत में भी अल्पसंख्यकों को साम्प्रदायिक ताकतों द्वारा निशाना बनाया जा सकता है। सरना ने अफगान मामले में गुरुद्वारा कमेटी और अकाली दल बादल की ओर से किए जा रहे धरना प्रदर्शन को आड़े हाथों लिया। साथ ही कहा कि अगर सिखों के लिए कुछ अकाली कुछ करना ही चाहते हैं तो वह दूतावास के बाहर हंगामा करने की बजाय केंद्र सरकार और भाजपा पर दबाव बनाएं, जिसके साथ अकाली गठबंधन किए हुए हैं। उन्होंने कहा कि मुट्ठी-भर सिक्ख अपने निजी राजनीतिक फायदे के लिए साम्प्रदायिक ताकतों के साथ मंच साँझा करते हैं। लिहाजा किसी एक राजनीतिक दल के कार्यों को दुनिया भर के सिखों की आवाज नहीं माना जा सकता। सिख कौम सदैव सही, सच्चे और सबके भले के मार्ग पर चलने वाली कौम है जो न कभी साम्प्रदायिक थी और न कभी हो सकती है।
सरना ने आशंका जताई कि बादल दल और उसकी सहयोगी भाजपा की अति उग्र प्रतिकियाओं से अफगानिस्तान में रहने वाले सिक्खों और हिंदुओं के जीवन को अधिक खतरा बढ़ सकता है। लिहाजा, सुझाव दिया कि भारत में लोक दिखावे के लिए प्रदर्शन करने की जगह इन मुल्कों में रहने वाले सिक्खों और हिन्दुओं के जान-माल की सलामती के लिए वहां की सरकारों के साथ भारत सरकार को कूटनीतिक वार्ता शुरू करनी चाहिए, जिससे इन लोगों की रक्षा सुनिश्चित की जा सके। सरना ने कहा कि वे बादल दल के नेताओं को सचेत करते हैं कि साम्प्रदायिक ताकतों के साथ मिलकर अनावश्यक शोर मचाने की जगह अपनी सहयोगी भाजपा पर दबाव बनाए की वह अफगानिस्तान की सरकार से बातचीत करके वहां रहने वाले सिक्ख और हिंदू परिवारों के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा को सुनिश्चित बनाएं।
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