नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को न्यूज एंकर अमिश देवगन द्वारा सूफी संत पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले पर सुनवाई की। अदालत ने सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में न्यूज एंकर अमिश देवगन के विरूद्ध दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने से इनकार कर दिया। अदालत ने न्यूज एंकर द्वारा जांच में सहयोग करने की स्थिति में उन्हें बलपूर्वक कार्रवाई से संरक्षण को मंजूरी दी। हालांकि न्यायमूर्ति एएम खानविल्कर और संजीव खन्ना की पीठ ने विभिन्न राज्यों में अमिश देवगन के खिलाफ दर्ज सभी प्राथमिकियों को राजस्थान के अजमेर में स्थानांतरित किए जाने का आदेश दिया। देवगन के खिलाफ राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और तेलंगाना में सात एफआईआर दर्ज की गई हैं। उन्होंने 15 जून को प्रसारित प्राइम टाइम शो में सूफी संत मोइनुद्दीन चिश्ती के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी की थी। इसी आधार पर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई हैं।

सूफी संत पर आपत्तिजनक टिप्पणी का मामला:अमिश देवगन के खिलाफ रद्द नहीं होगी एफआईआर: सुप्रीम कोर्ट
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