नई दिल्ली। कांग्रेस के वयोवृद्ध नेता मोती लाल बोरा का सोमवार को यहां एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया। वे 93 साल के थे। मध्य प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री और उत्तर प्रदेश राज्यपाल रहते बोरो गांधी परिवार के बेहद करीबी और वफादार रहे। वे लंबे समय तक कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष रहे।
बोरा अक्टूबर में कोरोना संक्रमण के शिकार हुए थे। इसके बाद से ही उनकी तकलीफें लगातार बढ़ती गईं। दिल्ली के फोर्टिस अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। पेशे से पत्रकार रहे मोती लाल बोरा ने 70 के दशक में कांग्रेस से जुड़े और मरते दम तक पार्टी की सेवा में लगे रहे। नगर पालिका सदस्य से लेकर विधायक, मुख्यमंत्री, राज्यपाल, सांसद और केंद्र में मंत्री तक रहे। इसके साथ ही सन 2000 से 2018 तक लगातार 18 साल तक कांग्रेस के कोषाध्यक्ष रहे। 2019 में उनका नाम कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए भी चर्चा में आया था। वे गांधी परिवार के बेहद करीबी और वफादार रहे। अपनी वफादारी की उन्हें कीमत भी चुकानी पड़ी। 2002 में वे एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक बनाए गए। इसी के चलते नेशनल हेराल्ड केस में उनके खिलाफ भी कोर्ट में केस चल रहा है।
Be First to Comment