नई दिल्ली। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने उस समिति का कार्यकाल बढ़ा दिया है जिसके जिम्मेदारी गंगा नदी में प्रदूषण पर नजर रखने की तथा यह देखने की है कि उत्तर प्रदेश में पर्यावरण संबंधी नियमों के पालन किया जा रहा है या नहीं। एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि जब तक उत्तर प्रदेश सरकार कोई अन्य प्रभावी वैकल्पिक प्रणाली का गठन नहीं करती है तब तक समिति को बंद करना उचित नहीं होगा। पीठ ने कहा कि अत: निगरानी समिति का कार्यकाल फिलहाल छह महीनों के लिए बढ़ाया जाएगा। पीठ ने कहा कि यदि उत्तर प्रदेश राज्य के पास कोई और सुझाव है तो इसे सामने रखा जाए। अधिकरण ने कहा कि उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति एसवीएस राठौर की अध्यक्षता वाली समिति का शुरुआत में कार्यकाल छह महीने का ही था जिसे समय-समय पर बढ़ाया गया।

गंगा में प्रदूषण की निगरानी समिति का बढ़ा कार्यकाल
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