नई दिल्ली। भारतीय किसान संगठन के हजारों सदस्य अपनी मांगें लेकर एक बार फिर से सड़कों पर है। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से 11 सितंबर को शुरू हुई यह यात्रा दिल्ली-एनसीआर पहुंचकर धरने पर बैठे थे। इसी बीच खबर सामने आ रही है कि सरकार ने किसानों की पांच मांगों को मान लिया है जिसके बाद अब किसान अपने घर की तरफ लौटना शुरू कर चुके हैं।
आपको बता दें कि किसानों को दिल्ली बॉर्डर पर रोक दिया गया था और उन्हें समझाने का प्रयास किया गया। हालांकि किसान दिल्ली बॉर्डर पर ही धरने पर बैठ गए। किसानों की मांग थी कि सरकार उनकी बात सुनें या फिर उन्हें दिल्ली के किसान घाट जाने दिया जाए। धरने पर बैठे किसानों का प्रतिनिधि मंडल दिल्ली पुलिस की गाड़ी में कृषि मंत्रालय पहुंचा, जहां पर उनकी बातें सुनी गई और आश्वासन दिया। जिसके बाद किसानों ने अपना आंदोलन खत्म करने का ऐलान कर दिया।
किसानों की प्रमुख मांगें:
सभी किसानों के कर्जे पूरी तरह माफ हों।
किसानों को सिंचाई के लिए बिजली मुफ्त दी जाए।
किसान व मजदूरों की शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाएं मुफ्त हों।
फसलों का उचित मूल्य दिया जाए।
गन्ना बकाये का 14 दिनों में भुगतान कराया जाए।
स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू किया जाए।
किसान व मजदूरों को 60 वर्ष की आयु के बाद 5,000 रुपए प्रतिमाह पेंशन दिया जाए।

सरकार के आश्वासन पर खत्म हुआ किसानों का आंदोलन,दिल्ली में नहीं घुस पाए किसान
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