नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटाने के बाद बौखलाए पाकिस्तान की भारत के खिलाफ रची जा रही साजिशों के खतरों से निपटने और राज्य की स्थिति को सामान्य बनाने की दिशा में सुरक्षा हालातों की समीक्षा की है। वहीं राज्य में केंद्रीय योजनाओं के कार्यान्वयन को लेकर विभिन्न मंत्रालयों के साथ भी चर्चा की गई।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को जम्मू कश्मीर में सुरक्षा हालातों की समीक्षा की। कुछ दिन पहले ऐसी रिपोर्ट आई थी कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के आतंकी ठिकानों से 230 आतंकी भारत पर हमले की फिराक में हैं शाह की बैठक में इन खतरों पर विस्तृत चर्चा की गई। केंद्रीय गृह मंत्रालय की यह उच्च स्तरीय बैठक 2 घंटे तक चली, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और कैबिनेट सेक्रेटरी राजीव गौबा के अलावा मंत्रालय के कई बड़े अधिकारी बैठक में शामिल थे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को बैठक के दौरान जम्मू कश्मीर में सुरक्षा हालातों की विस्तृत जानकारी के साथ अधिकारियों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर सुरक्षा की स्थिति के बारे में स्थिति से अवगत कराया। जम्मू कश्मीर से ई 370 हटाए जाने के बाद वहां की हालत कैसी है और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए क्या क्या कदम उठाए जा रहे हैं, इसके बारे में अमित शाह को जानकारी दी गई।
15वीं कोर के जनरल कमांडिंग अफसर लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों ने अभी हाल में बताया था कि अंतरराष्ट्रीय सीमा पार से देश के अंदर घुसपैठ की नाकाम कोशिश की गई थी. गृह मंत्री की बैठक में इस पर भी चर्चा की गई। केजेएस ढिल्लों ने बताया, पीओके में लॉन्चपैड फुल हैं एलईटी, जेईएम, हिज्बुल और अल बद्र के तंजीम पाकिस्तानी पोस्ट पर आते रहते हैं। हर दिन फायरिंग की घटनाएं सामने आने के अलावा पुंछ, राजौरी और जम्मू सेक्टर में घुसपैठ की कोशिश की जा रही है। उधर अनुच्छेद 370 समाप्त होने के 43 साल बाद कश्मीर घाटी में जनजीवन पूरी तरह सामान्य नहीं हो पाया है। यहां की ज्यादातर दुकानें बंद हैं और सरकारी वाहन सड़कों से नदारद हैं।
वहीं गृह मंत्रालय में सोमवार को कार्यस्थल पर यौन शोषण से रोकथाम और अन्य केंद्रीय योजनाओं के कार्यान्वयन का लेकर चर्चा के लिए बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, मानव संसाधन एवं विकास मंत्री रमेश पोखरियाल और महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी मौजूद रही।
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