नई दिल्ली। आईटीबीपी के कॉम्बैट यूनिट के 9एस में बुधवार को 16 नए डॉग मेंबर्स को शामिल किया गया। ये सभी कुत्ते बेल्जियम प्रजाति के हैं। ऐसा पहली बार हुआ है कि इन कुत्तों को भारतीय और लद्दाख क्षेत्र के प्रचलित नाम दिए गए हैं। एक डॉग का नाम गलवान तो किसी का सुल्तान और श्योक नाम रखा गया है। आईटीबीपी के डीआईजी एस नटराजन ने कहा कि हमने इस स्क्वॉड के मेंबर्स का नाम उन स्थानों पर रखा गया है, जहां आईटीबीपी की तैनाती है। यह उन लोगों के प्रति सम्मान भी है, जो वहां तैनात हैं। यह सभी सितंबर में डॉग्स पंचकूला के भानु में आईटीबीपी के नेशनल सेंटर फॉर डॉग्स में पैदा हुए थे। इन डॉग्स के फादर का नाम गाला है। इस बार इन डॉग्स के नाम हैं – ससोमा, दौलत, श्योक, चेन्चिनो, गलवान, अनिला, चुंग थुंग, मुखपरी, युलु, सुल्तान चुक्सु, साशेर, सिरिजल, चार्डिंग, इमिस, चिप चाप और रेजांग। अब सैनिक गर्व से इनका नाम ले सकेंगे क्योंकि यह नाम उनकी रगों में बहते हैं। आईटीबीपी के अलावा दूसरे केंद्रीय सशस्त्र बल इन डॉग्स की मांग कर रहे हैं। उनका मानना है कि इन्हें सेना में शामिल करने से सेवाओं को और बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। इनकी ब्रीडिंग के लिए तकनीक की मदद ली जा रही है। गृह मंत्रालय के निर्देश पर इन्हें दूसरे बलों में भी दिया जाएगा। गौरतलब कि इससे पहले इन्हें अंग्रेजी नाम दिए जाते थे। अमेरिका ने साल 2011 में जब ओसामा बिन लादेन को ऐबटाबाद में मारने के लिए कमांडो ऑपरेशन किया था, तो उस समय इन्हीं डॉग्स ने उस आतंकवादी को ढूंढने में सेना की बहुत मदद की थी। इसलिए बेल्जियम डॉग्स की इस ब्रीड को ओसामा हंटर्स भी कहा जाता है।

आईटीबीपी की डॉग स्क्वॉड में 16 नए सदस्य कुत्ते शामिल
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