नई दिल्ली। लोकपाल के अध्यक्ष न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष ने 2019-20 के लिये भारत के लोकपाल की वार्षिक रिपोर्ट राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति भवन में सौंपी। शुक्रवार को जारी एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई। लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम के अनुच्छेद 48 के तहत लोकपाल को अपने द्वारा किये गए कार्य की रिपोर्ट वार्षिक आधार पर राष्ट्रपति को देनी होती है। लोकपाल द्वारा जारी बयान के मुताबिक यह रिपोर्ट बृहस्पतिवार को पेश की गई। इसमें कहा गया कि बाद में यह रिपोर्ट संसद के दोनों सदनों में रखी जाएगी। लोकपाल की स्थापना 23 मार्च 2019 को हुई थी जब राष्ट्रपति ने इसके अध्यक्ष के तौर पर न्यायमूर्ति घोष को पद की शपथ दिलाई थी। बाद में 27 मार्च 2019 को चार न्यायिक सदस्य और चार अन्य सदस्यों ने भी शपथ ली थी। लोकपाल एवं लोकायुक्त अधिनियम, 2013 के प्रावधानों के तहत देश में लोकपाल काम करते हैं। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक लोकपाल को 2019-20 में 1427 शिकायतें प्राप्त हुईं। इनमें से 613 राज्य सरकार के अधिकारियों से संबंधित थीं, चार केंद्रीय मंत्रियों व संसद सदस्यों से जुड़ी हुई थीं।

राष्ट्रपति कोविंद को लोकपाल ने सौंपी अपनी वार्षिक रिपोर्ट सौंपी
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