मुजफ्फरनगर। जनपद के ग्राम तुगलकपुर में पोषण माह के अंतर्गत सोमवार को ममता दिवस एवं बाल सुपोषण उत्सव कार्यक्रम आयोजन किया गया।जिसमें गर्भवती महिलाओं की गोद भरी गई है। महिलाओं की गोद फल और पौष्टिक आहार से भरी गई। वे सारी रस्में अदा की गईं, जो गर्भधारण के छह माह बाद घरों में होता है।
जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे ने कहा कि गर्भधारण के छह माह बाद महिला की गोद भरी जाती है। अक्सर गरीब महिलाओं की गोद भरने की रस्म इसलिए नहीं अदा हो पाती है कि वे काफी गरीब होंती हैं। इस रस्मों को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने ममता दिवस का आयोजन करा रही है। सोमवार को को मुजफ्फरनगर के करीब 17 आंगनबाड़ी केंद्रों पर ममता दिवस मनाया गया। जिसमें गर्भवती महिलाओं की गोद भरने के साथ ही आयरन की गोली दी गई। खून जांच और ब्लडप्रेशर की जांच की गई। स्वास्थ्य विभाग से महिलाओं का टीकाकरण और केंद्रों की कार्यकर्ताओं ने महिलाओं को निर्धारित पोषाहार से डेढ़ गुना आहार दिया गया। जिससे महिला गर्भधारण के दौरान शक्ति मिल सके।
सीएमएस अमिता गर्ग ने बताया कि कि प्रसव के बाद पीला गाढ़ा दूध नवजात को पिलाया जाए, प्रसव सिर्फ संस्थागत होना चाहिए। जिसमें राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत जिलाधिकारी एवं डॉक्टरों की टीम ने माताओं और बच्चों को स्वस्थ रहने की सपाह दी।
जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे ने बताया कि ममता दिवस के लिए विभाग की ओर से हरसंभव सहायता दी जाती है। और महिलाओं को स्वास्थ्य संबधी जानकारी के साथ साथ परिवार को भी स्वस्थ रखने के लिए घरेलू उपायों से अवगत कराया जाता है। इस दौरान जिसमें डॉक्टर्स व अनुभवी महिलाओं ने संबधित विषयों पर चर्चा की।
उन्होंने बताया कि किशोरियों के अंदर एनीमिया की बीमारी को रोकने के लिए खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने बताया कि महिलाओं को गर्भावस्था और प्रसव के बाद संतुलित एवं विटामिन युक्त भोजन की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। मां- बच्चा दोनों ही स्वस्थ्य हो और दोनो का स्वास्थ्य बेहतर व अच्छा बना रहे। जिससे वह कुपोषण का शिकार न बन सके। आंगनबाड़ी केन्द्र पर मनाये जाने का इस ममता दिवस का उद्देश्य महिलाओं को पोषाहार का वितरण कर उन्हें सम्मानित करना होता है। इस तरह के कार्यक्रम से क्षेत्र की महिलाओं में भी स्वास्थ्य एवं पोषाहार के प्रति जागरूक हो जाती हैं।
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