नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण कम करने के लिए ऑड-ईवन योजना को नवंबर में दोबारा लागू करने की घोषणा भले ही कर दी है, लेकिन उसने वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए एक साल पहले तैयार की जा चुकी इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति की अधिसूचना अभी तक जारी नहीं की है।
अरविंद केजरीवाल सरकार मानती है कि वाहन प्रमुख प्रदूषण उत्पादक हैं, इसलिए उसने निजी वाहनों के लिए 4-15 नवंबर तक ऑन-ईवन को लागू करने का फैसला किया है। वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए उसने बेशक पिछले साल नवंबर में सार्वजनिक परिवहन के लिए इलेक्ट्रिक वाहन लाने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन उसे अभी तक लाया नहीं गया है। ईवी नीति के मसौदे में दिल्ली परिवहन विभाग ने कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी में वाहनों से होने वाला प्रदूषण नियमित स्रोत है और कुल प्रदूषण में इसका योगदान 30 प्रतिशत तक है। विभाग ने यह भी कहा था कि जीरो-एमिशन वाले इलेक्ट्रिक वाहनों से शहर की काफी मदद होगी और सड़क परिवहन के लिए ईवी अपनाने से कई लक्ष्य हासिल हो सकेंगे। मसौदे में कहा गया था कि इन लक्ष्यों में बेहतर वायु गुणवत्ता, ध्वनि प्रदूषण में कमी, ऊर्जा सुरक्षा में वृद्धि और कम कार्बन पॉवर जनरेशन मिक्स के साथ ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन भी कम होगा। मसौदे के अनुसार दिल्ली ईवी नीति 2018 का प्राथमिक उद्देश्य ट्रांसपोर्ट सेक्टर से एमिशन को कम लाकर दिल्ली की वायु गुणवत्ता में ठोस सुधार लाना है। हालांकि मसौदा अभी तक अधिसूचित नहीं किया गया है। सरकार ने हालांकि कहा है कि यह मसौदा अक्टूबर में पेश किया जाएगा। परिवहन विभाग ने कहा कि दिल्ली मंत्रिमंडल द्वारा मसौदे को पारित करने के बाद हम अक्टूबर तक ईवी नीति को अधिसूचित कर देंगे। यह नीति देश की सबसे प्रगतिशील नीतियों में से मानी गई है। दिल्ली में 2015 से सर्दियों के समय भारी प्रदूषण का प्रकोप रहा है और पूरे शहर पर स्मॉग की एक मोटी परत जम जाती है। राष्ट्रीय राजधानी को इसके लिए पहले से तैयार करने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 13 सितंबर को दीवारी के एक सप्ताह के बाद चार नवंबर से 15 नवंबर के बीच ऑड-ईवन लागू करने की घोषणा की थी। वायु प्रदूषण के खिलाफ जंग में सड़क पर वाहनों की संख्या कम करने के उद्देश्य से दिल्ली सरकार ने देश की पहली और अपने तरह की अकेली योजना के तहत विषम तारीखों पर विषम संख्या के वाहनों और सम तारीखों पर सम संख्या के वाहनों को ही सड़क पर चलाने का निदेर्श दिया है।
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