नई दिल्ली। देश के 22वें विधि आयोग को ‘सांविधिक संस्था’ घोषित करने और एक महीने के भीतर इसके अध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्ति के लिए सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को एक जनहित याचिका दायर की गई। भाजपा नेता और अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने यह जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की है। इसमें केंद्रीय गृह मंत्रालय, कानून एवं न्याय मंत्रालय और विधि आयोग को पक्षकार बनाया गया है। याचिका में कहा गया है कि 21वें विधि आयोग का कार्यकाल 31 अगस्त, 2018 को समाप्त हो गया था। लेकिन केंद्र सरकार ने न तो उसका कार्यकाल बढ़ाया और न ही अभी तक 22वें विधि आयोग का गठन किया है। याचिका के अनुसार, ‘केंद्र ने 19 फरवरी, 2020 को 22वें विधि आयोग के गठन के फैसले की घोषणा की थी लेकिन इसके लिए अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्तियां अभी तक नहीं हुई हैं। याचिका में उच्चतम न्यायालय से केंद्र सरकार को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि वह जितनी जल्दी संभव हो सके 22वें विधि आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति करे। इसके साथ ही जनहित याचिका में यह भी अनुरोध किया गया है कि उच्चतम न्यायालय को वैकल्पिक उपाय के रूप में अपने संवैधानिक अधिकार का इस्तेमाल करते हुए आवश्यक पहल करनी चाहिए।

विधि आयोग में नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर हुई जनहित याचिका
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