नई दिल्ली: देश के सर्वोच्च न्यायालय में चल रहे अयोध्या रामजन्मभूमि विवाद में अदालत द्वारा भगवान राम के वंशजों की जानकारी हासिल करने वाली मांग पर सुप्रीम कोर्ट को राम के वंशज होने का शपथपत्र देकर दावा ठोंकने वाले क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजा राजेन्द्र सिंह ने भारत सरकार से आग्रह किया है रामजन्मभूमि विवाद का मुकदमा सुप्रीम कोर्ट से तत्काल प्रभाव से बंद कराया जाये और पूरी भूमि राम वंशजों को सौंप दिया जाए।
राजेन्द्र सिंह ने कहा कि लाखों वर्षों से उक्त भूमि हमारे वंशज खानदान की रही है और आज भी है।विवादित ढांचा बोलने वालों को जानकारी नहीं है कि उसमें राम लक्ष्मण और जानकी की ही मूर्तियां स्थापित थी। देश की आजादी के समय छल से पॉवर ऑफ ट्रांसफर हथियाने वालों ने सभी रियासत के मालिकों को पावर विहीन करने के बाद उसमें ताला लगाकर विवादित स्थल का नाम करार दिया था। जब पूर्व प्रधानमंत्री ने ताला खुलवाया तब भी सभी मूर्तियां थी और पूजन शूरू हो गया था। मुकदमा किस बात का चल रहा है? साथ ही अन्य पैरोकार भी किसी तरह ना दाखिल हैं, ना ही काबिज हैं पूजा पाठ करने वाले मालिक नही बन जाते हैं।
गौरतलब है कोई पूजा अर्चना करने के अधिकार के लिए लड़ रहा है तो कोई जीर्णोद्धार करने का जबकि ना ही वहाँ पुराना मंदिर है जिसका जीर्णोद्धार करेंगे। एक और हिंदू महासभा मांग कर रहे हैं कि हिंदुओं का है तो हिन्दू महासभा हकदार है।
उन्होंने कहा है कि रामजन्मभूमि क्षत्रिय वँश की पैतृक संपत्ति है ना ही अन्य किसी की और ना ही कोई कब्जेदार है। मौके पर भूमि पर कब्जा राजा रामचन्द्र जी का है जो उस भूमि पर विराजमान हैं। जिसकी सुरक्षा व्यवस्था भारत सरकार के मातहत है। इसलिए जब राजा रामचन्द्र जी का ही कब्जा है और पैतृक संपत्ति भी है तो कब्जा भी वंशजों का ही मान्य है। सरकार सुरक्षा व्यवस्था हम वंशजों को सौंप दे हम सब राजा रामचन्द्र जी का भव्य राजमहल बना लेगे।
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