नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 को लेकर सर्वदलीय में जल्द इसके टीकाकरण का भरोसा दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वैक्सीन के आते ही वैज्ञानिकों की सलाह के आधार पर टीकाकरण आरंभ हो जाएगा। इस क्रम में पहला टीकाकरण स्वास्थ्य कर्मियों, चिकित्सकों का होना है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्र बताते हैं कि देश में करीब एक करोड़ स्वास्थ्यकर्मी हैं। इनमें सरकारी और निजी अस्पताल दोनों शामिल हैं। इसके लिए लोगों की पहचान का काम भी शुरू हो चुका है। दिल्ली स्वास्थ्य महानिदेशालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों से अपने स्वास्थ्य कर्मियों का विवरण, पैन कार्ड आदि का विवरण देने के लिए कहा गया है। इसी तरह की सूचना उत्तर प्रदेश हरियाणा और मध्यप्रदेश से मिल रही है। दिल्ली के एक बड़े सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के प्रमुख ने बताया कि तीन-चार दिन के भीतर वह इस जानकारी को केंद्र सरकार को दे देंगे। पूर्वी दिल्ली के करीब 25 बेड वाले नर्सिंग होम के प्रबंध निदेशक ने भी बताया कि उनके अस्पताल से भी ब्यौरा मांगा गया है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया है कि जैसे-जैसे वैक्सीन आएगी, स्वास्थ्य कर्मियों को पहले लगाई जाएगी। ताकि स्वास्थ्य व्यवस्था को सुचारू रूप से तेजी से चलाया जा सके।
वैक्सीन डोज लगने के बाद पटरी पर आएगी जिन्दगी-केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शुरुआत में चार करोड़ वैक्सीन की डोज लगने के बाद संक्रमण पर तेजी से काबू पाने की उम्मीद बढ़ जाएगी। सूत्र का कहना है कि देश में निजी और सरकारी स्वास्थ्य कर्मियों को मिलाकर इनकी संख्या एक करोड़ के करीब है। दो करोड़ अनिवार्य स्टाफ है। ये केंद्र, राज्य तथा विभिन्न संस्थानों के कर्मचारी हैं। इनको भी समय पर टीका लगना आवश्यक है। ताकि देश विकास के रास्ते पर आगे बढ़ सके। इसके अलावा देश में एक करोड़ के करीब वृद्ध और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोग हैं। इन सभी की जान बचाने के लिए पहले इन्हें वैक्सीन दिए जाने की योजना है। टीकाकरण का अभियान अगले कुछ सालों तक चलने की उम्मीद है।
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