नई दिल्ली। नए कृषि कानून को लेकर सरकार और किसानों के बीच गतिरोध लगातार जारी है। शनिवार को किसान और सरकार के बीच पांचवी दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही। आज की बातचीत में सरकार ने किसानों से और वक्त मांगा है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक किसान और सरकार के बीच एक बार फिर 9 दिसंबर को सुबह 11:00 बजे से बातचीत शुरू होगी। किसान कानूनों पर सरकार के साथ हुई बैठक के बाद एक किसान नेता ने कहा कि सरकार ने तीन दिन का समय मांगा है। 9 दिसंबर को सरकार हमें प्रपोज़ल भेजेगी, उस पर विचार करने के बाद बैठक होगी। 8 तारीख को भारत बंद ज़रूर होगा। ये कानून ज़रूर रद्द होंगे। इससे पहले केंद्र के नये कृषि कानूनों के विरुद्ध चल रहे प्रदर्शनों को लेकर बने गतिरोध को तोड़ने का प्रयास करते हुए सरकार ने शनिवार को आंदोलनकारी किसानों के प्रतिनिधियों से कहा कि उनकी चिंताओं पर ध्यान दिया जा रहा है लेकिन किसान संगठनों के नेता कानूनों को निरस्त करने की अपनी मांग पर अड़े रहे और उन्होंने बातचीत बीच में छोड़ने की चेतावनी दी। हालांकि, सरकार किसान नेताओं को वार्ता जारी रखने के लिए मनाने में सफल रही। यह सरकार और किसान प्रतिनिधियों के बीच पांचवें दौर की वार्ता है।
किसानों का दावा है कि इन कानूनों से मंडी और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था समाप्त हो जाएगी। अपराह्न ढाई बजे शुरू हुई बैठक जब चाय ब्रेक के बाद दोबारा शुरू हुई तो किसान नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि सरकार सितंबर में लागू तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के बारे में नहीं सोच रही तो वे बैठक छोड़कर चले जाएंगे। ब्रेक में किसान नेताओं ने अपने साथ लाया भोजन और जलपान किया। सूत्रों ने कहा कि सरकार ने उन्हें बातचीत जारी रखने के लिए मना लिया। मंत्रियों द्वारा रखे गये प्रस्तावों पर बैठक में भाग लेने वाले किसानों के बीच मतभेद भी सामने आया।
वार्ता से पहले केंद्रीय मंत्रियों की प्रधानमंत्री से मुलाकात-सरकार और किसान संगठनों के बीच पांचवे दौर की अहम बातचीत से पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह सहित केंद्रीय मंत्रियों ने प्रदर्शनकारियों के समक्ष दिए जाने वाले संभावित प्रस्ताव पर विचार-विमर्श के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। सूत्रों ने शनिवार को इसकी जानकारी दी । सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री के साथ इस दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद थे। इससे पहले प्रदर्शनकारी किसानों की मांगे को सुलझाने को लेकर राजनाथ सिंह और अमित शाह ने केंद्रीय मंत्रियों के साथ विचार विमर्श किया। सूत्रों ने बताया कि मोदी का केंद्रीय मंत्रियों के साथ विचार-विमर्श किसानों के प्रदर्शन् को खत्म कराने की केंद्र की कोशिश को दिखाता है और यह इसलिए भी अहम है कि प्रधानमंत्री स्वयं संकट को सुलझाने में सक्रिय हैं। उन्होंने बताया कि यह पहली बार है जब मोदी ने अपने मंत्रियों से इस मुद्दे पर चर्चा की है।
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