लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सभी ग्राम पंचायतें 25 दिसंबर की आधी रात को भंग कर दी जाएंगी। इनका कार्यकाल समाप्त कर सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) को प्रशासक नियुक्त किया जाएगा। चुनाव होने और नए प्रधान के निर्वाचन होने तक कोई भी प्रधान अब किसी भी राशि का उपभोग नहीं कर सकेगा।
उत्तर प्रदेश में ग्राम पंचायतों का चुनाव काफी पहले हो जाना था, लेकिन कोरोना महामारी के मद्देनजर इसे आगे बढ़ा दिया गया। फिलहाल फरवरी-मार्च तक चुनाव की उम्मीद की जा रही है। इस बीच सरकार ने शुक्रवार, 25 दिसंबर की आधी रात से सभी ग्राम पंचायतों का कार्यकाल खत्म करने का फैसला ले लिया है। निदेशक की ओर से सभी जिला अधिकारियों को दिए गए निर्देश के मुताबिक अब कोई भी ग्राम प्रधान पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम (पेफएमएस) एवं ई-ग्राम स्वराज के माध्यम से किसी भी तरह की राशि का उपभोग नहीं कर सकेगा। यदि अब किसी भी तरह का लेनदेन हुआ तो संबंधित ग्राम पंचायत सचिव, एसडीओ पंचायत और डीपीआरओ इसके लिए जिम्मेदार माने जाएंगे।
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