नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए कृषि कानूनों को लेकर किसानों का प्रदर्शन जारी है। सरकार द्वारा किसानों को मनाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, हम हमेशा से ही अपने किसानों की बात सुनने के लिए तैयार हैं, उनकी गलतफहमियों को दूर किया जाएगा। कृषि ही एक ऐसा सेक्टर रहा है, जो महामारी के प्रभाव से बचा रहा है। फिक्की की 93वीं आम बैठक में कृषि कानूनों को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन पर राजनाथ ने कहा, कृषि एक ऐसा क्षेत्र रहा है जो महामारी के दुष्प्रभावों से बचने में सक्षम रहा है और वास्तव में यह सबसे अच्छा है। हमारी उपज और खरीद भरपूर है और हमारे गोदाम भरे हुए हैं। रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारे कृषि क्षेत्र के खिलाफ प्रतिगामी कदम उठाने का कोई सवाल ही नहीं है। हाल के सुधारों को भारत के किसानों के सर्वोत्तम हितों को ध्यान में रखकर किया गया है। उन्होंने कहा, हम हमेशा अपने किसान भाइयों की बात सुनने के लिए तैयार रहते हैं, उनकी गलतफहमी को दूर करते हैं और उन्हें वह आश्वासन प्रदान करते हैं जो हम प्रदान कर सकते हैं। हमारी सरकार हमेशा चर्चा और संवाद के लिए तैयार है।
कोरोना संकट के बीच हमारे जवानों ने चीनियों से लिया लोहा-चीन और पाकिस्तान के साथ सीमा पर जारी तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, हिमालय पर हुई गतिविधियों ने हमें यह बात याद दिलाई है कि दुनिया कितनी तेजी से बदल रही है। चुनौती के इस समय में हमारी सेना ने चीनी सैनिकों का जमकर मुकाबला किया और उन्हें पीछे लौटने पर मजबूर किया। फिक्की की 93वीं आम बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ ने कहा, हमारे हिमालयी मोर्चे पर अकारण आक्रामकता इस बात की याद दिलाती है कि दुनिया कैसे बदल रही है। मौजूदा समझौतों को कैसे चुनौती दी जा रही है। कैसे हिमालय में ही नहीं बल्कि भारत-प्रशांत क्षेत्र में भी तनाव पैदा किया जा रहा है। रक्षा मंत्री ने कहा, लद्दाख में एलएसी पर सशस्त्र बलों का बड़ी तैनाती है। इस चुनौतीपूर्ण समय में, हमारी सेनाओं ने अनुकरणीय साहस और उल्लेखनीय धैर्य दिखाया है। उन्होंने पीएलए के सैनिकों के साथ अत्यंत बहादुरी के साथ लड़ाई लड़ी और उन्हें वापस जाने के लिए मजबूर किया। उन्होंने कहा कि जब दुनिया कोरोना वायरस से लड़ रही थी, तब भारतीय सशस्त्र बल हमारी सीमाओं की बहादुरी से रक्षा कर रहे थे। कोई वायरस हमारे सशस्त्र बल को उनकी ड्यूटी करने से नहीं रोक सकता है। राजनाथ ने कहा, इस राष्ट्र की आने वाली पीढ़ियों को इस बात पर गर्व होगा कि इस वर्ष हमारी सेनाएं क्या हासिल कर पाई हैं। जब भी एलएसी में कोई स्थिति होती है, सबसे स्पष्ट परिणाम भारत और चीन की सैन्य ताकत के बीच तुलना है।
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